



पटना/सहरसा. पूर्व सांसद आनंद मोहन का पंद्रह दिनों का पैरोल आज खत्म हो रहा है आज किसी भी समय वो सहरसा मंडलकारा जा सकते हैं. ये पैरोल उनको शिवहर से राजद विधायक बेटे चेतन आनंद की सगाई के मौके पर मिली थी. लेकिन, इसी दौरान सगाई के दिन ही बिहार सरकार का नोटिफिकेशन जारी हुआ कि सजा पूरी कर चुके 27 कैदियों को स्थायी तौर पर रिहा कर दिया जाएगा. इनमें 15 साल से जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन का भी नाम है. हालांकि, इस मुद्दे को लेकर बिहार में सियासत भी काफी गर्म हो चुकी है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने पहले ही आनंद मोहन की रिहाई पर नीतीश सरकार को घेरा है. वहीं, भाजपा को आनंद मोहन के नाम पर तो ऐतराज नहीं है, लेकिन इस आड़ में 26 अन्य कैदियों की रिहाई को लेकर पार्टी हमलावर है और इसे राजद का ‘खेल’ करार दे रही है.
बीजेपी सांसद अजय निषाद ने आनंद मोहन की रिहाई पर कहा, यह चुनी हुई सरकार का फैसला है इसलिए इस पर हमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, इसकी आड़ में खेल दिख रहा है वह निंदनीय है. एक खास वर्ग के लोगों को फायदा देने के लिए आनंद मोहन को बलि का बकरा बनाकर गेम हो गया है. जेडीयू और आरजेडी बेमेल का गठबंधन है, इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी दबाव में हैं और वे स्वयं निर्णय लेने की स्थिति में नहीं हैं. ये दबाव में लिया गया ही निर्णय है जो बिहार के हित में नहीं है.
बीजेपी सांसद ने कहा कि पहले 27 लोगों की सूची देखिए और यह भी देखिये कि उनपर क्या गंभीर आरोप हैं. ऐसे लोगों को रिहाई नहीं मिलनी चाहिए जिससे बिहार के आवाम को खतरा हो. बता दें कि आनंद मोहन के साथ जिन कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया है इसको चुनावी दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है. सरकार पर आरोप है कि इसमें भी माय (MY) यानी मुस्लिम-यादव समीकरण का ध्यान रखा गया है.
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इन 27 कैदियों में 13 ‘MY’ समीकरण वाले हैं. सरकार की सूची में बेऊर सेंट्रल जेल में बंद शिवजी यादव, लखीसराय जेल में बंद अशोक यादव, भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा में बंद किरथ यादव, बक्सर के ओपेन जेल में बंद राज बल्लभ यादव उर्फ बिजली यादव, पतिराम राय और किशुनदेव राय, वहीं बिहारशरीफ जेल में बंद खेलावन यादव के साथ-साथ भागलपुर के स्पेशल जेल में बंद मो. खुदबुद्दीन, अलाउद्दीन अंसारी, हलीम अंसारी, चन्देश्वरी यादव और अख्तर अंसारी अररिया जेल में बंद दस्तगीर खान का नाम शामिल हैं.
बता दें कि तेजस्वी यादव ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि इन सभी ने अपने हिस्से की सजा काट ली है. इस बीच बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी नीतीश सरकार के फैसले का पक्ष लिया है. उन्होंने इस मुद्दे पर कहा, पहले तो बीजेपी के लोग रिहाई की मांग करते थे. यह तो सरकारी मामला है और आनंद मोहन पूरी सजा काट चुके हैं. न्यायपालिका से सजा हुई और उन्होंने सजा काटी. सरकार तो विचार करती है, अकेले उनका केस नहीं था. उनके साथ और भी लोग थे और इसमें किसी को कठिनाई नहीं होनी चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : April 26, 2023, 13:16 IST
