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छठी क्‍लास में फेल हो गया था यह प्रधानमंत्री, 30 लाख लोगों की मौत का था जिम्‍मेदार, नहीं चाहता था हिन्‍दुस्‍तान की आजादी

Education Story, Winston Churchill: कुछ लोग होते हैं, जो इतिहास में हमेशा याद किए जाते हैं. कुछ अच्‍छे कामों की वजह से, कुछ बुरे कार्यों की वजह से. ब्रिटेन का एक प्रधानमंत्री भी कुछ अपने इसी तरह के कामों की वजह से हमेशा याद किया जाता है. दुनिया में कई ऐसे लोग हुए हैं, जो पढ़ाई लिखाई में बेहद कमजोर थे, लेकिन आगे चलकर बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए और दुनिया भर में नाम कमाया. इस पीएम की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जो 6वीं क्लास में फेल हो गया था, लेकिन आगे चलकर वह प्रधानमंत्री बना और नोबल प्राइज पुरस्कार भी हासिल किया था.

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हम बात कर रहे हैं ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल की. जो 1940 से लेकर 1945 तक और 1951-1955 तक ब्रिटेन के 2 बार प्रधानमंत्री रहे. दूसरे विश्व युद्ध में विंस्टन चर्चिल का अहम योगदान माना जाता है और उन्हें पूरी दुनिया को हिटलर से बचाने वाला नायक भी माना जाता है.

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विंस्टन चर्चिल का जन्म 30 नवंबर 1874 को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्डशायर में हुआ था. वह एक अमीर परिवार में पैदा हुए थे, लेकिन उनका बचपन काफी कठिनाइयों भरा रहा था. क्योंकि पढ़ाई में वे बेहद कमज़ोर थे. यहां तक कि वे 6वीं कक्षा में फेल भी हो गए थे और उन्हें केवल पास होने के लिए 3 बार गणित की क्लास लेनी पड़ी थी.

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चर्चिल अपनी क्लास में पढ़ाई में सबसे पीछे थे और हमेशा लास्ट रैंक आती थी. चर्चिल के पिता उन्हें बैरिस्टर बनाना चाहते थे, इस वजह से उन्होंने ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज में भी एडमिशन लेने का प्रयास किया. लेकिन स्कूल में खराब रिकॉर्ड होने की वजह से उन्हें कॉलेज में एडमिशन नहीं मिला. इसके बाद उनके पिता ने उन्हें आर्मी में करियर बनाने की सलाह दी.

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पिता की बात मानते हुए चर्चिल ने द रॉयल मिलिट्री कॉलेज के लिए अप्लाई किया. लेकिन इसके प्रवेश परीक्षा में भी वे 2 बार फेल हुए. अंततः वे रॉयल मिलिट्री कॉलेज से ग्रेजुएट हुए और ब्रिटिश आर्मी के साथ जुड़ गए. आगे चलकर उन्होंने राजनीति ज्वाइन की और 1940 में कंजर्वेटिव पार्टी से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने.

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लेकिन विंस्टन चर्चिल का भारत के प्रति नजरिया बेहद निम्न स्तर का था. वे भारत को आजादी देने के लायक नहीं मानते थे. उनका कहना था कि भारत शासन नहीं चला पाएगा और सत्ता बदमाशों और लुटेरों के हाथों में चली जाएगी. विंस्टन चर्चिल महात्मा गांधी से भी नफरत करता था और उनके बारे में कई आपत्तिजनक बातें बोलीं थी.

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यही नहीं, 1943 में बंगाल में पड़े भयंकर सूखे के लिए भी चर्चिल को ज़िम्मेदार माना जाता है. जिसमें तकरीबन 30 लाख भारतीय मारे गए थे. विंस्टन चर्चिल की गलत नीतियों के कारण यह सूखा पड़ा था, और बाद में उसने भारत तक पर्याप्त अनाज नहीं पहुंचने दिया, जिससे लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.

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