



नई दिल्ली: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का दूसरे दौर का विरोध प्रदर्शन (23 अप्रैल से शुरू) अपने छठे दिन में प्रवेश कर गया है. सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले की सुनवाई होनी है. शीर्ष अदालत पहले ही 7 महिला पहलवानों द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर चुका है, जिसमें यूपी के कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी.
सात महिला पहलवानों ने 21 अप्रैल को सांसद के खिलाफ 2012 से 2022 तक 10 साल की अवधि में यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए अलग-अलग पुलिस शिकायतें दर्ज कीं थीं. नोटिस जारी करते हुए, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने 25 अप्रैल को कहा था कि सांसद पर लगे आरोप ‘गंभीर’ हैं. पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ पहली बार जनवरी में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था, तब केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ हुई मुलाकात और मामले की जांच के लिए निरीक्षण समिति के गठन के बाद उन्होंने अपना आंदोलन बंद कर दिया था.
पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली समिति की रिपोर्ट जारी करने में सरकार की ओर से देरी, समिति में विश्वास की कमी और सांसद के खिलाफ कार्रवाई न होने का हवाला दिया है, जिसके लिए उन्हें जनवरी में आश्वासन दिया गया था. उन्होंने यह भी नाखुशी व्यक्त की है कि चल रही जांच के बावजूद डब्ल्यूएफआई ने अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू कर दिया है, और आरोप लगाया है कि बृज भूषण अब भी कुश्ती संघ से जुड़े निर्णय ले रहे हैं. यह इस तथ्य से प्रमाणित होता है कि विवाद के बाद पहला राष्ट्रीय टूर्नामेंट गोंडा में आयोजित हुआ.
